
नई दिल्ली। कोविड महामारी उन्मूलन के लिए प्रधानमंत्री केंद्र में अलग कोविड उन्मूलन मंत्रालय का गठन करें और इस महामारी के बचाव के लिए पीएम केअर फण्ड में आई राशि को कोविड उन्मूलन मंत्रालय को हस्तांतरित करें ताकि देश भर में नए अस्पताल , ऑक्सिजन ,दवाइयों की कमी दूर की जाए और देश मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति कर उनकी कमी खत्म की जा सके।
आल इंडिया माइनोरिटीज फ्रंट के अध्यक्ष डॉ सैयद मोहम्मद आसिफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह अनुरोध करते हुए कहा है कि कोरोना आपदा शहर और कस्बों तक अब सीमित नहीं है। यह महामारी दूर दराज के गांव में अपना पैर पसार चुकी है। इसलिए केंद्रीय स्तर से इससे लड़ा जाना अनिवार्य है।
पीएम केअर फण्ड के पैसे कोविड मंत्रालय को हस्तांतरित हों- माइनोरिटीज फ्रंट
उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली वेव 8 अप्रैल 2020 के आस पास आई थी। उसमें टोटल कन्फर्मड केस 1 करोड़ 12 लाख थे। जो लोग उस वक्त इसकी गिरफ्त में आये थे। उसमें 1 लाख 57 हजार लोगों की मौत हुई थी। हमने सोचा यह बला टल गई है लेकिन करीब ठीक एक वर्ष बाद कोरोना की दूसरी भयावह वेव 8 मार्च को आई। इस वेव से अब तक कम से कम कन्फर्म केस 1 करोड़ 1 लाख है और उसमें कुल 75 हजार से अधिक मौतें हो चुकी है।
फ्रंट के नेता डॉ आसिफ ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सिस्टम ने इस महामारी को उतनी गंभीरता से नहीं लिया जितनी शिद्दत से इसका निवारण की जाना चाहिए था। इसके चलते देश का कोना कोना इस महामारी के चंगुल में है। उन्होंने कहा इससे तात्कालिक ढंग से और दीर्घगामी नीति और व्यवस्था बनाकर लड़ने की ज़रूरत है। आज अस्पतालों की कमी, ऑक्सीजन, दवाइयों और मेडिकल स्टाफ की जो कमी है वह सरकार की दीर्घगामी नीति और कल्पना न होने के कारण है। उन्होंने कहा कि इस आपदा से युद्ध स्तर पर लंबी लड़ाई लड़नी होगी। इसलिए केंद्रीय कोविड उन्मूलन मंत्रालय का गठन किया जाना जरूरी है।
डॉ आसिफ ने कहा प्रधानमंत्री सचिवालय और खुद प्रधानमंत्री अत्यधिक व्यस्तता की स्तिथि में है। इसलिए महामारी से निपटने का काम किसी जिम्मेदार व्यक्ति को सौंप दें और प्रधान मंत्री राहत कोष और केअर फण्ड के पैसे नए मंत्रालय को दे दिए जाएं ताकि जल्दी से नई व्यस्था में काम जारी रहे।
डॉ आसिफ ने कहा कि वह खुद और माइनोरिटीज फ्रंट देेश को और प्रधानमंत्री को अपना पूरा सहयोग देने को तैयार है।